प्रोन्नति मामलाः झारखंड हाईकोर्ट ने शिक्षकों की प्रोन्नति पर लगाई रोक

झारखंड हाईकोर्ट ने पलामू जिले के शिक्षकों की ग्रेड-7 में होने वाली प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश दिया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने इस मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अगले आदेश तक प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

इसको लेकर गौतम कुमार व 12 अन्य लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों के अधिवक्ता भानु कुमार ने अदालत को बताया कि पलामू जिले में वर्ष 2016 में सीधी भर्ती के जरिए प्राथमिक शिक्षकों की ग्रेड-4 में नियुक्ति हुई थी। इसके बाद पहले से कार्यरत शिक्षकों को भी ग्रेड-4 में प्रोन्नति दी गई।

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लेकिन स्थापना समिति ने उन्हें प्रोन्नति का लाभ भूतलक्षी प्रभाव अप्रैल 2015 से प्रदान किया। ऐसे में सीधी भर्ती से नियुक्ति हुए शिक्षकों की वरीयता प्रभावित हुई। पिछले दिनों सभी शिक्षकों को ग्रेड-7 में प्रोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। वरीयता सूची में एक भी सीधी भर्ती वाले शिक्षक का नाम नहीं है।

इसके बाद इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सभी शिक्षकों का समान ग्रडे-4 है, तो प्रोन्नति में सभी को शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसलिए प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। अदालत ने प्रार्थियों के आग्रह को स्वीकार कर लिया।

जानकारी के अनुसार पलामू, चतरा और लातेहार में नियम विरुद्ध शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति दी गई है। बहरहाल सिर्फ पलामू के शिक्षकों ने इसी हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ऐसे में हाईकोर्ट ने अब ग्रेड-7 में होने वाली प्रोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

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