अदालतों की सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने कहा- सीसीटीवी कैमरे समय की मांग, कोर्ट रूम और कार्यालय में जल्द लगाएं

Ranchi: CCTV Camera In Court झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने अदालतों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और अन्य कदम नहीं उठाए जाने पर नाराजगी जताते हुए सरकार को अगले सप्ताह प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

अदालतों की सुरक्षा को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव और जैप आईटी के अधिकारी भी मौजूद थे। चीफ जस्टिस ने मुख्य सचिव से पूछा कि अदालतों में सीसीटीवी कैमरे कब तक लगेंगे। इस पर मुख्य सचिव ने बताया कि इसके लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है।

इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश अदालत ने दो साल पहले ही दिया था लेकिन अभी तक डीपीआर तक तैयार नहीं किया गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि जैप आईटी के अनुसार पहले अदालत के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया था।

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इसके बाद अदालत परिसर में। इस कारण अलग अलग डीपीआर तैयार हो रहे हैं। इस पर अदालत ने कहा कि कोर्ट ने अदालत के कार्यालय में पहले और बाद में लगाने का निर्देश नहीं दिया है। आदेश को समझने में गलती हुई है। कोर्ट चाहता है कि कोर्ट के कार्यालय की मॉनिटरिंग अदालत ही करे और परिसर के अंदर की मॉनिटरिंग पुलिस या प्रशासन के पास हो।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे किसी भी आपराधिक वारदात के बाद आरोपियों को पकड़ने में काफी मददगार होते हैं। धनबाद जज के मामले में उन्होंने सीसीटीवी कैमरे का उदाहरण दिया। अदालत ने कहा कि शहर के प्रमुख स्थानों, चौक- चौराहों और एनएच पर भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।

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