असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति नियमावली पर हाईकोर्ट ने कहा- अगर विश्वविद्यालय जवाब नहीं देते तो उनपर लगेगा जुर्मान

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में राज्य सरकार की ओर से विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नियमावली बनाए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।

इस मामले में अभी तक मात्र दो विश्वविद्यालय ने ही अपना जवाब दाखिल किया है। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि बाकी बचे सभी पांच विश्वविद्यालयों को 25 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल कर दें अन्यथा सबपर जुर्माना लगेगा।

इस संबंध में डॉ. तस्लीम आरिफ ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए सरकार की ओर से नियमावली नहीं बनाई जा सकती है। सरकार के पास इसका अधिकार नहीं है।

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यह अधिकार विश्वविद्यालय के पास है। ऐसे में सरकार के नियमावली को रद कर देना चाहिए। पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य के सातों विश्वविद्यालयों से जवाब मांगा था। लेकिन अभी मात्र दो विश्वविद्यालय ने ही जवाब दाखिल किया है।

बता दें कि वर्ष 2018 में कोल्हान विश्वविद्यालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई थी। जिसे सरकार ने स्वीकार करते हुए इसे राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में लागू करने का आदेश दिया था। इसी को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।

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