रांची के बड़ा तालाब में नालों का गंदा पानी जाने पर हाईकोर्ट ने कहा- निगम इसे रोकने को लेकर क्या कर रहा

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में रांची के बड़ा तालाब की गंदगी को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान तालाब में नालों का गंदा पानी जाने अदालत ने नाराजगी जताई।

अदालत ने रांची नगर निगम पूछा कि तालाब में नालों का गंदा पानी क्यों जाने दिया जा रहा है। इसे रोकने के लिए अब तक ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया। अदालत ने रांची नगर निगम से पूरे मामले में आठ जनवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

इसको लेकर खुशबू कटारूका मोदी की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान निगम की ओर से बताया गया कि तालाब को पूरी तरह साफ कर लिया गया है। जलकुंभी हटा ली गयी है। तालाब के किनारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा।

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बताया गया कि एसटीपी प्लांट लगाने के लिए टेंडर निकला था, लेकिन तकनीकी कारणों से टेंडर फाइनल नहीं हो सका। अब दोबारा टेंडर निकाला जाएगा। जबकि प्रार्थी की ओर से बताया गया कि बड़ा तालाब में अभी भी गंदगी है। पानी पूरी तरह प्रदूषित हो गया है।

तालाब में तीन तरफ से नालों का गंदा पानी प्रवेश कर रहा है। इससे तालाब का पानी प्रदूषित हो गया है। इस पर कोर्ट ने निगम से पूछा कि नालों के पानी को रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। इस पर निगम का कहना था कि इन नालों का पानी बहुत पहले से जा रहा है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि कोई काम पहले नहीं हो सका या कुछ गलती हो गयी है, तो उसे सुधारने के बदले उसी हाल में छोड़ने का क्या औचित्य है। जब नालों का पानी तालाब में प्रवेश करेगा तो ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का क्या लाभ होगा।

अदालत ने नगर निगम को यह बताने को कहा कि ट्रीटमेंट प्लांट से क्या लाभ होगा। क्या तालाब का पानी साफ करने में मदद मिलेगी। इसके बाद अदालत इस मामले की सुवनाई आठ जनवरी को निर्धारित की है।

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