Maithili Language: मैथिली भाषा को परीक्षाओं में शामिल करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल

Ranchi: Maithili language द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त मैथिली भाषा को राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित किए जाने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में विद्यापति स्मारक समिति रांची द्वारा जनहित याचिका दाखिल की गई है। उक्त याचिका अधिवक्ता एके साहनी ने याचिका दाखिल की है।

डिप्टी पाड़ा स्थित निवास स्थान पर अधिवक्ता एके साहनी ने प्रेसवार्ता में कहा कि राज्य के 69 स्कूल एवं कॉलेज में मैथिली भाषा पढ़ाई जाती है। जैक, जेएसएससी व जेपीएससी के द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में मैथिली भाषा को शामिल नहीं किया जा रहा है। जबकि विधि विभाग द्वारा 29 अक्टूबर 2018 को स्वीकृत 12 भाषाओं के अतिरिक्त मैथिली, मगही, भोजपुरी, अंगिका एवं भूमिज को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया है।

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मान्यता प्राप्त होने के तीन वर्षों के बाद भी राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में इस भाषा को सम्मिलित नहीं किया जा सका है। जबकि बीपीएससी परीक्षा में मैथिली भाषा शामिल है। उन्होंने कहा कि भाषा के आधार पर किसी को अलग से नहीं देखा जा सकता है। भले ही दूसरी अन्य भाषाओं को बढ़ावा दिया जाए, लेकिन साथ-साथ मैथिली भाषा को भी बढ़ावा मिले।

विद्यापति स्मारक समिति के अध्यक्ष लेखानंद झा ने कहा कि राज्यपाल से भी मैथिली भाषा को शामिल करने की गुहार लगाई। लेकिन किसी ने इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके बाद ही जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस दौरान ललित नारायण मिश्रा सांस्कृतिक एवं सामाजिक कल्याण समिति जमशेदपुर, मिथिला सांस्कृतिक परिषद जमशेदपुर, मैथिली कला मंच बोकारो के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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