व्याख्याता नियुक्तिः हाईकोर्ट ने वादियों से मांगा केस का संक्षिप्त विवरण

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से वर्ष 2008 में आयोजित व्याख्याता नियुक्ति के खिलाफ दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई।सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थियों को इस मामले से संबंधित संक्षिप्त नोट पेश करने को कहा।

अदालत ने जानना चाहा कि इस मामले में क्या-क्या इश्यू शामिल है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से बताया गया कि व्याख्याता नियुक्ति के लिए वर्ष 2007 में विज्ञापन जारी किया गया था।

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लेकिन प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेपीएससी की ओर से जारी रिजल्ट और नियुक्ति की अनुशंसा गलत है। इसलिए इसको निरस्त किया जाना चाहिए। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया रिजल्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है।

इस मामले में कई याचिकाओं का पहले निष्पादन हो चुका है। वहीं, नियुक्ति की सारी प्रक्रिया वर्ष 2008 में ही पूरी हो चुकी है। बता दें कि डॉक्टर मीना कुमारी, डॉक्टर गीता प्रसाद, कौशल किशोर ठाकुर व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर की गई है

झारखंड हाईकोर्ट में आपराधिक मामलों पर सरकार का पक्ष रखने वाले विशेष लोक अभियोजकों, लोक अभियोजक और सहायक लोत अभियोजकों को एक साल का अवधि विस्तार दिया गया है। सभी की अवधि 7 जुलाई को समाप्त हो गई थी। एक साल का अवधि विस्तार देते हुए इनकी नियुक्ति अब 7 जुलाई 2022 तक कर दी गई है। इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है

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