जज उत्तम आनंद हत्याकांडः जांच रिपोर्ट से हाईकोर्ट असंतुष्ट, कहा- दो आरोपियों के आगे नहीं बढ़ पाई सीबीआई

Ranchi: Judge Uttam Anand murder case धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अब तक की जांच असंतुष्टि जताई। अदालत ने सीबीआई से कहा कि अभी तक उसकी जांच दो लोगों से आगे क्यों नहीं बढ़ पा रही है।

रिपोर्ट में कुछ नया नहीं है। सीबीआई को अब तक इस मामले में कोई (ब्रेकथ्रू) बड़ा लिंक नहीं मिला है। अदालत ने सीबीआई को सभी बिंदुओं और कड़ियों को जोड़ते हुए अगली प्रगति रिपोर्ट में कुछ नई जानकारी भी देने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी। सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है।

सुनवाई के दौरान अदालत ने फॉरेंसिक साइंस लाइब्रेरी में उप निदेशक और वरीय वैज्ञानिक पद पर निकाले गए विज्ञापन को रद करने पर नाराजगी जताई और कहा कि सरकार ने मार्च में इन पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था। लेकिन उसे रद कर दिया गया। उसके बाद अभी तक दोबारा नहीं निकाला गया है।

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इस पर अदालत ने अगली तिथि पर गृह सचिव और एफएसल निदेशक को सुनवाई के दौरान हाजिर होने का निर्देश दिया और जबाव दाखिल करने को कहा। इस मामले में जेपीएससी की अधिवक्ता संजय पिपरावाल और प्रिंस कुमार सिंह अदालत को बताया कि सरकार ने 2019 में अधियाचना भेजी थी।

इसके बाद जेपीएससी ने इस पर कार्रवाई कर सरकार को भेज दिया था। जेपीएससी ने एक बार क्वैरी की और सरकार ने आपत्ति दूर की। इसके बाद एक मार्च 21 को इन पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया। लेकिन 13 अगस्त 21 को सरकार ने विज्ञापन रद कर दिया। इसके बाद से दोबारा विज्ञापन नहीं निकाला है।

इस अदालत ने नाराजगी जाहिर की और सरकार से कहा कि उसने पिछली सुनवाई के दौरान सही तस्वीर पेश नहीं की और जेपीएससी पर ही सारे आरोप मढ़ दिए थे। अदालत ने अगली तिथि को गृह सचिव और एफएसएल निदेशक को अदालत में हाजिर होकर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

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