Ranchi: Judge Uttam Anand murder case: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा गया कि मोबाइल छिनने के उद्देश्य से घटना किए जाने की संभावना की जांच की जा रही है।
अभी तक करीब दो सौ से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई। इसके अलावा आरोपियों के मोबाइल का कॉल करने वालों से पूछताछ की गई है। अभी तक कुछ नहीं मिला है। आरोपियों की दोबारा ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।
अदालत ने कहा कि इस मामले का खुलासा नहीं होने से हम (कोर्ट) चिंतित हैं। अब एक नई कहानी सामने आ रही है। सीसीटीवी फुटेज देखने पर ऐसा कुछ प्रतीत नहीं हो रहा है। अगर मोबाइल ही छीनने का उद्देश्य होता तो टक्कर मारने के बाद अपराधी मोबाइल लेता। इससे प्रतीत हो रहा है कि मामले की जांच पूरी नहीं हो पाएगी।
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अदालत ने कहा पहले ही सीबीआई को चेताया गया था कि इस मामले में समय बहुत महत्वपूर्ण है। समय बीतने पर अपराधी और पड्यंत्रकारियों को बचने की योजना बनाने का मौका मिल जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने हम पर भरोसा जताया था, लेकिन हम उन्हें (सुप्रीम कोर्ट) कुछ परिणाम नहीं दे पा रहे हैं।
सीबीआई लगातार कह रही है कि हमने इतना काम किया, पर रिजल्ट कुछ नहीं निकला है। अब डर है कि यह मामला मिस्ट्री अनएक्सप्लेन न बन जाए। यह मामला उसी ओर जाता दिख रहा है। अदालत ने सीबीआइ को अगली सुनवाई के दौरान स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मामले में अगली सुनवाई 14 जनवरी को होगी। सीबीआइ ने सिर्फ दो लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है। उसमें भी बिना मोटिव के हत्या किए जाने की बात कही है। ऐसे में उन्हें धारा 302 के तहत सजा दिलाना लगभग असंभव है। इस दौरान सीबीआइ की ओर से सुप्रीम कोर्ट के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पक्ष रखा।