मारपीट में सीआरपीएफ जवानों को आरोपी नहीं बनाने पर सरकार से मांगा जवाब

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में प्राथमिकी में संशोधन को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार पूछा है कि पीड़ितों के बयान के आधार पर प्राथमिकी में संशोधित करते हुए सीआरपीएफ के जवानों को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। इसकी पूरी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से राज्य सरकार को अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया है।

इस संबंध में बमिया सुरीन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया कि चाईबासा के चिड़ियाबेडा टोला में 15 जून 2020 को सीआरपीएफ के जवानों ने ग्रामीणों की पीटाई की थी। जिसमें कई ग्रामीण घायल हुए थे। इस मामले में मारपीट करने वाले सीआरपीएफ के जवानों को आरोपी बनाने की बजाय पुलिस ने नक्सलियों को आरोपी बना दिया।

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पीड़ितों ने गोइलकेरा थाना में कांड संख्या 20/2020 के तहत दर्ज प्राथमिकी में संशोधन कर नक्सलियों की जगह सीआरपीएफ के जवानों को आरोपी बनाने की मांग करते हुए ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके अलावा पीड़ितों ने एसपी को भी आवेदन दिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

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