सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की जमीन खरीद मामले में सरकार से मांगा जवाब

झारखंड हाईकोर्ट ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिक गौतम की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को यह बताने का निर्देश दिया है कि रजिस्टर्ड डीड को रद्द करने का अधिकार उपायुक्त को है या नहीं। छह सप्ताह में सरकार को शपथपत्र के माध्यम से जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने यह निर्देश दिया है।

याचिका में कहा गया है कि एलोकेसी धाम की जमीन रजिस्ट्री ऑनलाइन इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हुई थी। सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम इस कंपनी की प्रॉपराइटर हैं। डीसी कोर्ट ने निबंधन दस्तावेज संख्या 770/29.8.2019 को कपटपूर्ण मानते हुए डीड को रद्द कर दिया और जमीन के खरीदार, विक्रेता और गवाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।

याचिका में कहा गया है कि जिस समय उपायुक्त की कोर्ट में यह मामला लंबित था उस समय भी उपायुक्त को आवेदन देकर कहा गया था कि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित है। उपायुक्त को जमीन का डीड रद्द करने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार सिविल कोर्ट का है। लेकिन उपायुक्त ने इस आवेदन पर कोई विचार नहीं किया और आदेश जारी कर दिया।

अदालत को बताया गया कि उपायुक्त ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है। इसलिए उनके आदेश पर रोक लगा दी जाए। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा है कि उपायुक्त को डीड रद्द करने का अधिकार है या नहीं।

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