जेई की प्रोन्नति मामले में हाईकोर्ट ने पथ निर्माण विभाग के जवाब को नकारा

Ranchi: Promotion Of JE झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में जूनियर इंजीनियरों की प्रोन्नति मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पथ निर्माण विभाग के सचिव के शो कॉज के जवाब को अस्वीकार कर दिया। अदालत ने उन्हें दोबारा जवाब दायर करने का निर्देश दिया। इसके लिए अदालत ने पथ निर्माण विभाग के सचिव को चार सप्ताह का समय दिया है।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने मार्च 2019 में जूनियर इंजीनियर को प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर बना दिया गया, जो कि वरीयता सूची में कनीय है। ऐसे में उनसे वरीय जूनियर इंजीनियर को प्रोन्नति दी जानी चाहिए। इस पर एकल पीठ ने सचिव को रीजन आर्डस पास करने को कहा था।

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अवमानना पर सुनवाई के दौरान कहा गया कि एकल पीठ के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। पथ निर्माण विभाग ने रीजन आर्डर पारित किया है। इसी तरह का रीजन आर्डर विभाग ने पहले भी एक केस में पारित कर अदालत में पेश किया था। उस वक्त अदालत के कड़े रुख के बाद विभाग ने वापस ले लिया था। अब इस मामले में भी पुरानी बातों को दोहराते हुए रीजन ऑर्डर पारित किया गया है।

जिसे स्वीकार नहीं करना चाहिए। रीजन आर्डर में कहा गया है कि जूनियर इंजीनियरों को रोस्टर क्लीयरेंस के तहत असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नियमित प्रोन्नति दी जाएगी। वर्तमान में पद रिक्त नहीं है। अन्य विभागों में भी फिलहाल प्रोन्नति नहीं दी जा रही है। इसलिए प्रोन्नति नहीं दी जा सकती है। प्रार्थी श्रीप्रकाश मिश्रा व अन्य की ओर अवमानना याचिका दायर की गई है।

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