पूर्व मंत्री रणधीर सिंह व नवीन जायसवाल को दो सप्ताह में आवास खाली करने का आदेश

रांची। झारखंड के पूर्व मंत्री रणधीर सिंह व विधायक नवीन जायसवाल को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने आवास खाली करने के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही अदालत ने दो सप्ताह में इन्हें आवास खाली करने का निर्देश दिया है। 15 सितंबर को बहस पूरी होने के अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए अदालत ने राज्य सरकार को मंत्री और विधायक को आवास आवंटन के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया है।

इस संबंध में पूर्व मंत्री रणधीर सिंह व विधायक नवीन जायसवाल की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान नवीन जायसवाल की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अधिवक्ता चंचल जैन ने अदालत को बताया था नवीन जायसवाल के मामले में की गई कार्रवाई वर्ष 2002 से संबंधित नियमावली के प्रावधानों के विरुद्ध है। आवास खाली करने के लिए सक्षम प्राधिकार की ओर से आदेश नहीं दिया गया है। वहीं, सरकार ने आवास आवंटन में वरीयता का भी ख्याल नहीं रखा और पिक एडं चूज का इस्तेमाल किया गया है।

राज्य सरकार आवास आवंटन में भेदभाव कर रही है। ऐसे में आवास खाली करने के सरकार के आदेश को रद कर देना चाहिए। पूर्व मंत्री रणधीर सिंह की ओर से अदालत को बताया गया था कि इनके आवास खाली करने के आदेश में वर्ष 2002 के अधिनियम के नियमों की अनदेखी गई है। जिस आवास को रणधीर सिंह को आवंटित किया गया है, उसमें वर्तमान में किसी ने कब्जा जमाया हुआ है और अतिरिक्त संरचना बना ली है।

इस मामले में रणधीर सिंह व नवीन जायसवाल की ओर से दस सितंबर को बहस पूरी कर ली गई थी। इसके बाद 15 सितंबर को राज्य सरकार की ओर से बहस की गई। इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आवास खाली करने के लिए सारी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद ही नोटिस दिया गया है। रणधीर सिंह व विधायक नवीन जायसवाल ने जुलाई 2020 में आवास खाली करने के लिए जारी नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

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