Jharkhand High Court: सांसद-विधायक निजी वाहन पर नहीं लगा सकेंगे नेम प्लेट या बोर्ड, सरकार ने छूट ली वापस

Ranchi: Jharkhand High Court राज्य के विधायक, सांसद और दूसरे जनप्रतिनिधि अपने निजी वाहनों में नेम प्लेट और बोर्ड नहीं लगा सकेंगे। सरकार जनप्रतिनिधियों को दी गई यह छूट वापस लेगी। इसके लिए जल्द आदेश जारी किया जाएगा। गजाला तनवीर की ओर से दाखिल जनहित पर याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य के परिवहन सचिव केके सोन ने हाई कोर्ट को यह जानकारी दी।

सरकार की ओर से बताया गया कि जनप्रतिनिधियों के वाहन में नेम प्लेट और बोर्ड लगाने का नियम नहीं है, लेकिन सरकार के उच्च अधिकारियों की सहमति के बाद झारखंड में यह छूट प्रदान की गई थी, इसे अब वापस ले लिया जाएगा। सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव की ओर दाखिल उस शपथ पत्र को वापस ले लिया गया, जिसमें सरकार ने जनप्रतिनिधियों को निजी वाहन पर नेम प्लेट लगाने की छूट प्रदान करने की बात कही थी।

अदालत ने कहा कि जब सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में सिर्फ सरकारी वाहन पर ही नेम प्लेट या बोर्ड लगाने की छूट प्रदान की गई है तो फिर निजी वाहन पर सांसद और विधायक कैसे नेम प्लेट लगा सकते हैं। राज्य सरकार की ओर से ऐसा शपथ पत्र कैसे दाखिल किया जा सकता है, जिसमें नियम विरुद्ध बात कही गई है।

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इसके बाद राज्य के परिवहन सचिव केके सोन ने हाई कोर्ट से उक्त शपथ पत्र वापस लेने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव कोर्ट में ऑनलाइन हाजिर हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि उच्च स्तर पर इस तरह का निर्णय लिया गया है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि नियम विरुद्ध छूट कैसे दी जा सकती है।

अदालत ने सरकार से कहा कि वाहनों पर नेम प्लेट लगाने के लिए लिए जो नियम कोर्ट में पेश किया गया है उसमें स्पष्ट है कि जनप्रतिनिधि अपने निजी वाहन में बोर्ड और नेम प्लेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। जब नियम नहीं है तो कैसे इन्हें छूट प्रदान की गई। अदालत ने महाधिवक्ता से कहा कि वह दूसरे राज्यों की नियमावली मंगाकर अगली तिथि को कोर्ट में पेश करें।

इससे पता चल सके वहां क्या प्राविधान है और झारखंड में क्या-क्या लागू किया गया है। अदालत ने सरकार से पूछा कि वाहनों में गलत तरीके से नेम प्लेट और बोर्ड लगाने वाले कितने लोगों पर अब तक कार्रवाई की गई है। चार सप्ताह में सरकार को इसका जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। बता दें कि इस संबंध में गजाला तनवीर की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।

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