हाईकोर्ट ने ईडी और इनकम टैक्स से पूछा- कैसे रिलीज होगी जब्त राशि

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) एक मामले में सुनवाई के दौरान ने ईडी (Enforcement Directorate) और इनकम टैक्स से पूछा कि उनके पास जब्त राशि को कैसे प्रार्थी को दिया जा सकता है। इसको लेकर दोनों विभाग अदालत में शपथ पत्र के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करें।

इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई। प्रार्थी की ओर से उपभोक्ता फोरम के आदेश का अनुपालन कराने की अदालत से मांग की गई है। सुनवाई के बाद अदालत ने इस संबंध में ईडी और इनकम टैक्स विभाग से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।

इसको लेकर प्रार्थी राघवेंद्र त्रिवेदी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि प्रार्थी बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के जीएम पद से सेवानिवृत्त हुए है।

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उन्होंने संजीवनी बिल्डकान से जमीन की खरीदारी की थी। लेकिन उक्त कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगा। इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है और ईडी व इनकम टैक्स ने कंपनी के 3.5 करोड़ रुपये जब्त कर लिया है।

प्रार्थी ने कंपनी के खिलाफ बोकारो के जिला उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कराया। जहां पर सुनवाई के बाद फोरम ने इन्हें 9.5 लाख रुपये संजीवनी बिल्डकान कंपनी को चुकाने का आदेश दिया। लेकिन संजीवनी बिल्डकान के 3.5 करोड़ रुपये ईडी और इनकम टैक्स ने जब्त कर लिया है।

ऐसे में कंपनी से उनको पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि ऐसा केस पहली बार उनके समक्ष आया है। इसके बाद अदालत ने ईडी और इनकम टैक्स से पूछा है कि प्रार्थी को कैसे 9.5 लाख रुपये का भुगतान किया जा सकता है।

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