गुमला की सीजेएम की कार्यशैली से हाईकोर्ट नाराज, कहा- उनमें न तो काबिलियत है और न ही दक्षता

Ranchi: Jharkhand High Court झारखंड हाईकोर्ट ने गुमला को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुसुम कुमारी की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है और उन्हें अपनी जिम्मेवारी और कर्तव्य का सही तरीके से निर्वहन करने का निर्देश दिया है। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि सीजेएम कुसुम कुमारी के पास गबन का मामला लंबित है। इस मामले की त्वरित सुनवाई की जरूरत है।

हाईकोर्ट के सामने जो रिकॉर्ड पेश किए गए हैं उससे प्रतीत होता है कि इस मामले में अभी तक आरोप गठन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि सीजेएम अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही हैं, मामले में चार्जफ्रेम करने में देरी कर रही हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से बच रही हैं। न उनमें काबिलियत है न अनुभव और न ही दक्षता जैसा कि एक सीजेएम के लिए होना चाहिए।

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हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पीडी ट्रायल करते हुए छह माह में मामले का निष्पादन करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया है कि वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे और झूठे एवं बचकाने बहाने ना बनाते हुए उक्त वाद का जल्द से जल्द रोज सुनवाई करते हुए 6 महीने में निपटारा करें। अदालत ने कहा कि इस मामले में एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान भी उन्हें जल्द मामले का निपटारा करने को कहा गया था।

यदि उन्हें किसी प्रकार के प्रशासनिक सहयोग की जरूरत है,तो वह इसके लिए प्रधान जिला जज से संपर्क कर सकती हैं। प्रधान जिला जज को भी इस मामले पर गौर करने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। हाईकोर्ट ने आदेश की प्रति गुमला के प्रधान जिला जज को भी भेजने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट एक जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी और अदालत ने उक्त निर्देश पारित किया है।

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