झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में निजी या सरकारी वाहनों पर नेम प्लेट (Name Plate) लगाकर चलने वालों के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने पूछा है कि निजी वाहनों से नेम प्लेट हटाने को लेकर क्या कार्रवाई हुई।
के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ पूछा है कि सरकार की अधिसूचना के बाद कितनों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अदालत ने कहा कि परिवहन विभाग से कहा है कि अभियान चलाकर नई अधिसूचना के संबंध में लोगों को जागरूक करना चाहिए। जिससे लोग निजी या सरकारी वाहन पर नेम प्लेट नहीं लगाए।
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परिवहन विभाग ने वर्ष 2021 में अधिसूचना जारी कर बताया है कि निजी या सरकारी वाहनों पर बोर्ड लगाने के लिए कौन-कौन लोग अधिकृत है। इनके अलावा अन्य के वाहनों पर नेम प्लेट या बोर्ड लगाना प्रतिबंधित है। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई अप्रैल माह में निर्धारित की।
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इस संबंध में गजाला तनवीर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। प्रार्थी के अधिवक्ता फैसल अल्लाम ने अदालत को बताया कि निजी या सरकारी वाहनों पर नेम प्लेट या बोर्ड लगाकर लोग वीआइपी कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं। कई लोग अपने निजी वाहनों पर किसी संस्था के पदधारी या राजनीतिक पार्टी या विभागीय अधिकारी आदि का पदनाम लगाकर घूमते हैं। इसका फायदा उठाते हुए वे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं।