झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में अटल सरकार के तत्कालीन मंत्री दोषी करार

नई दिल्ली। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को कोयला घोटाला मामले में दोषी करार दिया है। यह मामला वर्ष 1999 में झारखंड में एक कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित कोयला घोटाले जुड़ा है। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई। इसके बाद विशेष न्यायाधीश भारत पारसकर की अदालत ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री (कोयला) रहे दिलीप रे को आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में दोषी करार दिया है।

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अदालत ने सजा के बिंदु पर 14 अक्टूबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। इस दिन सभी पक्षों की ओर से सजा के बिंदु पर बहस की जाएगी। अदालत ने कोयला घोटाला मामले में जिन लोगों को दोषी करार दिया है। उनमें कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल) के निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) शामिल हैं। अदालत सजा के बिंदु पर 14 अक्टूबर को दलीलें सुनेगी। यह मामला 1999 में झारखंड के गिरडीह में ‘ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक’ के आवंटन में की गई अनियमितता से जुड़ा है।

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