टैगोर परिवार की करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए तैयार किया फर्जी दस्तावेज, हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Ranchi: टैगोर परिवार की जमीन से जुड़े फर्जीवाड़ा मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। प्रार्थी की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में प्रतिवादी और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वादी हेमेंद्र नाथ टैगोर की ओर से याचिका दाखिल कर जमीन के खतियान में छेड़छाड़ की बता कही गई है।

जस्टिस राजेश शंकर की पीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि रदींद्र नाथ टैगोर की मां के नाम से वर्ष 1909 और वर्ष 1929 में कोकर चौके के पास जमीन की खरीदारी की गई। करीब पांच एकड़ से ज्यादा जमीन के खतियान में वर्ष 1932 प्रार्थी के दादा का नाम दर्ज था। तब से वे इस जमीन का लगान वही लोग दे रहे हैं।

आजादी के बाद जमीदारी प्रथा समाप्त होने से अब तक उक्त जमीन का लगान जमा है और डीड सहित सभी दस्तावेज भी उनके पास हैं। लेकिन वर्ष 2004 में खतियान में छेड़छाड़ करते हुए इस जमीन पर किसी अन्य ने दावा किया। उनकी ओर से इस मामले में रांची सीओ के यहां दस्तावेज देकर जमाबंदी रद करने की मांग की गई है।

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हालांकि रांची सीओ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा कि उक्त जमीन के दस्तावेज देखने के बाद पता चलता है कि विपक्षी की जमीन है। इसके बाद खतियान में छेड़छाड़ करने वाले लोगों ने सीओ के आदेश के खिलाफ एलआरडीसी के यहां आवेदन दिया। डीसीएलआर ने वादी की जमाबंदी को रद कर दिया है।

अदालत को बताया पूर्व से चली आ रही डीड के मामले में डीसीएलआर को जमाबंदी रद करने का अधिकार नहीं है। वहीं, इस मामले में वादी की ओर से खतियान में छेड़छाड़ करने के मामले में आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया गया था। उसने सिविल कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी।

सुनवाई के दौरान अदालत ने अनुसंधान पदाधिकारी से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी थी। उस दौरान जांच रिपोर्ट में कहा गया कि इस मामले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। फिलहाल आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है और पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है।

वादी की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में प्रतिवादी और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें कि हेमेंद्र नाथ टैगोर ने एलआरडीसी के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। कहा जा रहा है कि प्रार्थी रविंद्र नाथ टैगोर के परिवार से संबंधित है।

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