Fodder scam: लालू प्रसाद चाहते थे सीबीआई जांच, लेकिन मुख्य सचिव ने कहा- ऐसे मामले नहीं लेती सीबीआई

Ranchi: Fodder scam सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की ओर से बहस की गई। इस दौरान उनके अधिवक्ता प्रभात कुमार ने कहा कि 1990 में स्कूटर, बाइक सहित अन्य वाहन से मवेशी ढोए गए थे।

इसके नाम पर कोषागार से 26 हजार रुपये की निकासी की गई थी। इसमें लालू प्रसाद की कोई भूमिका नहीं है। तत्कालीन पशुपालन मंत्री रामजीवन सिंह ने लालू प्रसाद से कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए क्योंकि उक्त राशि केंद्र से आती है।

इस पर लालू प्रसाद तत्कालीन मुख्य सचिव मंतव्य मांगा। इस पर मुख्य सचिव ने कहा था कि मेरी बात सीबीआई के निदेशक से हुई। निदेशक ने कहा कि वह इस तरह के मामले की जांच नहीं करते हैं। इसलिए इसकी जांच सीआईडी या निगरानी से कराई जाए।

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इसके बाद लालू प्रसाद ने इस मामले की जांच निगरानी से कराने का आदेश दिया। इसमें लालू प्रसाद कहीं से भी दोषी नहीं है। हालांकि उनकी ओर से बहस पूरी नहीं हो पाई है। बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में 88 आरोपियों की ओर से बहस पूरी कर ली गई है। इस मामले में लालू प्रसाद सहित 112 आरोपित मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

हत्या के मामले में दो दोषी करार
रांची के अपर न्यायायुक्त मनीष रंजन की अदालत ने हत्या के मामले में नीलकंठ साहू एवं आशीष महली को दोषी करार दिया है। इसके बाद अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 23 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। एपीपी मोहन रजक ने बताया कि दोनों अभियुक्तों पर प्रकाश साहू नामक व्यक्ति की हत्या करने का आरोप था।

प्रकास साहू को दोनों ने पूर्व में भी जान से मारने की धमकी दी थी। एक दिन मौका पाकर दोनों ने प्रकाश साहू की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना को लेकर जनक साहू ने फरवरी 2019 में लापुंग थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अदालत ने दोनों को हत्या एवं आर्म्स एक्ट की धारा में दोषी पाया है।

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