चारा घोटालाः लालू सरकार में वित्त सचिव रहे फूलचंद सिंह की ओर से बहस शुरू, कहा- उन पर लगे आरोप निराधार

Ranchi: Fodder Scam बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में बचाव पक्ष की ओर से बहस प्रारंभ हो गयी है। फिजिकल कोर्ट में चारा घोटाले के आरोपी लालू प्रसाद की सरकार में तत्कालीन वित्त सचिव फूल चंद सिंह की ओर की ओर से उनके अधिवक्ता ने बहस प्रारंभ की।

सुनवाई के दौरान उनकी ओर से कहा गया कि इस मामले में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है और उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। इस दौरान उनकी ओर से कुछ दस्तावेज भी अदालत में पेश किए गए। हालांकि बहस पूरी नहीं हो सकी और आगे भी बहस जारी रहेगी।

रांची के सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में चारा घोटाला मामले की सुनवाई अब सप्ताह में तीन दिन फिजिकल कोर्ट में होगी। अदालत के निर्देश पर गुरुवार को दिन के 11.30 बजे मामले में सुनवाई होगी। अन्य दिनों अपराह्न ढाई बजे मामले की सुनवाई होगी। जो कि पूर्व से निर्धारित है।

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सीबीआई की विशेष अदालत मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को फिजिकल सुनवाई करेगी। लालू प्रसाद की माने तो अगले महीने से मामले में बहस प्रारंभ कर सकते हैं। बचाव पक्ष की ओर से अदालत में बहस के दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह मौजदू थे।

बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े आरसी 47ए/96 मामले में सीबीआई की बहस सात अगस्त को पूरी होने के बाद बचाव पक्ष की ओर से बहस शुरू की गयी है। मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जुलियस समेत 108 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

फिजिकल कोर्ट खुलने से सिविल कोर्ट में लौटी रौनक

झारखंड हाईकोर्ट के बाद रांची सिविल कोर्ट में फिजिकल कोर्ट में सुनवाई प्रारंभ कर दी गई है। ऐसा होने से सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं को राहत है। कई मुवक्किल भी अपने-अपने केस के बारे में जानकारी लेने के लिए सिविल कोर्ट पहुंचे थे। अधिवक्ताओं का कहना है कि फिजिकल कोर्ट शुरू होने से सभी अधिवक्ता काम कर पाएंगे।

ऑनलाइन सुनवाई होने में सिर्फ 20 फीसद ही अधिवक्ता सुनवाई में शामिल हो पाते थे। इसके कारण सिविल विवाद पर सुनवाई नहीं हो पा रही थी। लेकिन अब आधी कोर्ट फिजिकल मोड में सुनवाई शुरू होने से सभी अधिवक्ता इसमें शामिल हो सकेंगे। अधिवक्ता सिविल कोर्ट खोलने की लगतार मांग कर रहे थे।

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