Defamation Case: समीर वानखेड़े के पिता की अवमानना याचिका पर बहस पूरी, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

Mumbai: Defamation Case महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के पिता की अवमानना याचिका में अंतरिम राहत की मांग पर बांबे हाई कोर्ट ने को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

समीर के पिता ध्यानदेव ने अपनी याचिका में राकांपा नेता नवाब मलिक से 1.25 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति की मांग की है। इसमें उन्होंने याचिका के लंबित रहने के दौरान मलिक को वानखेड़े परिवार के खिलाफ कोई भी झूठा या गलत बयान देने से रोकने के लिए आदेश देने की मांग भी की है।

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जस्टिस माधव जामदार ने पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता को अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया था जिसमें इस बात का उल्लेख हो कि मलिक के ट्वीट और उनके द्वारा प्रकाशित दस्तावेज किस तरह झूठे और आधारहीन थे।

पीठ ने मलिक को भी एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था जो यह पुष्टि करता हो कि उन्होंने दस्तावेज को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करने से पहले सत्यापित किया था। वानखेड़े के पिता ने हलफनामे में ऐसे 28 दस्तावेज सूचीबद्ध किए हैं जो यह स्थापित करते हैं कि उनका नाम ध्यानदेव था न कि दाऊद है।

जैसा कि मलिक ने आरोप लगाया था। वहीं जज ने टिप्पणी की कि मलिक द्वारा पेश समीर वानखेड़े के जन्म प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ की गई प्रतीत होती है जिसका मतलब है कि उस पर भरोसा करने से पहले मंत्री ने सावधानी नहीं बरती।

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