हर्जानाः विरोधाभाषी बयान से हाईकोर्ट नाराज, राज्य सरकार पर ठोका 25 हजार का हर्जाना

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने आयुष चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा बढ़ाए जाने पर विरोधाभासी जवाब दिए जाने पर राज्य सरकार पर 25 हजार का हर्जाना लगाया है। हर्जाने की राशि हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने का निर्देश दिया है।

आयुष चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा एलोपैथी डॉक्टरों के समान किए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने राज्य सरकार पर हर्जाना लगाया है।

आयुष चिकित्सक डॉ ज्योतिष चंद्र सिंह ने एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह आयुष चिकित्सकों को भी सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 65 साल करने और अन्य सुविधाएं देने का आग्रह किया था। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी एक मामले में आदेश देते हुए एलोपैथ और आयुष चिकित्सकों को एक समान सुविधा देने का निर्देश दिया है।

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इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने सरकार को प्रार्थी आयुष चिकित्सक को भी एलोपैथी डॉक्टर के समान सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा निर्धारित करने का निर्देश दिया था।
इस आदेश के खिलाफ सरकार ने खंडपीठ में अपील दायर की है।

अपील में पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि आयुष चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट से स्वीकृति मिल गयी है। जबकि सरकार की ओर से दायर शपथपत्र में कहा गया कि खंडपीठ के आदेश के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्णय लेगी।

इस पर अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी पर लागू होता है। जब कैबिनेट ने सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर निर्णय ले चुकी है, तब इस तरह का शपथपत्र दाखिल करने का क्या औचित्य है।

अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार पर 25 हजार का हर्जाना लगाया जाता है। सरकार के अधिवक्ता ने हर्जाना नहीं लगाने का कई बार आग्रह किया। इस पर अगली सुनवाई के दिन विचार करने को कहा। मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।

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