Court News: हाईकोर्ट ने श्रमिक मित्रों की सेवा समाप्त करने के सरकार के आदेश पर लगाई रोक

Ranchi: Court News झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में श्रमिक मित्रों की सेवा समाप्त करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत तीन साल तक सेवा पूरी करने वाले प्रखंड स्तरीय श्रमिक मित्रों की सेवा समाप्त कर उनके बदले पंचायत स्तर पर नियुक्ति करने का निर्देश दिया गया है।

अदालत ने इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में अलफ्रेड खलखो एवं अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि श्रमिक मित्रों की प्रखंड में नियुक्ति वर्ष 2015 में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए की गई थी। एक मजदूर के निबंधन पर इन्हें मात्र 15 रुपये मिलते हैं। 50 से अधिक का निबंधन कराने पर मात्र पांच रुपये अतिरिक्त मिलते हैं।

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सरकार इनका मानदेय नहीं बढ़ा रही है। उधर, सरकार ने प्रखंड स्तर के श्रमिक मित्रों के बदले पंचायत स्तर पर नियुक्ति कर रही है। छह जनवरी को सरकार ने तीन साल तक सेवा पूरी करने वाले श्रमिक मित्रों को सेवा समाप्त कर पंचायत स्तर पर नए लोगों को नियुक्ति करने का आदेश दिया है। इसके बाद अदालत ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी और सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

नक्सली कुंदन पाहन की जमानत पर 20 को फैसला
कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन की जमानत याचिका पर आदेश पारित नहीं हो पाया है। यह मामला एनआइए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत में निर्धारित था। कोर्ट के नहीं बैठने के कारण सुनवाई टल गई। अब इस मामले में अदालत अपना आदेश 20 जनवरी को सुनाएगी। अदालत ने 17 दिसंबर को जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने बहस के दौरान कुंदन पाहन को जमानत देने का अनुरोध किया था। वहीं एनआइए के विशेष लोक अभियोजन ने जमानत दिए जाने का विरोध किया था। बता दें कि कुंदन पाहन ने पूर्व मंत्री सह तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड से मामले में जमानत याचिका दाखिल की है।

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