आरोग्य सोसाइटी के संविदा कर्मियों को निकाला, कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को निर्णय लेने का दिया आदेश

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में राज्य आरोग्य सोसाइटी से निकाले गए संविदा कर्मियों की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को इस मामले में उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। इसके बाद अदालत ने उक्त याचिका को निष्पादित कर दिया। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने अदालत को बताया कि राज्य आरोग्य सोसाइटी में वर्ष 2012 से संविदा पर काम कर रहे लोगों को पिछले दिनों सरकार ने हटाकर संविदा पर दूसरी नियुक्ति का आदेश दिया है।

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उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि अगर कोई प्रोजेक्ट में संविदा पर नौकरी करता है, तो बिना किसी कारण के उसे नौकरी से नहीं निकाला जा सकता है। जब तक उसने कोई मिसकंडक्ट नहीं किया हो। उनकी नौकरी प्रोजेक्ट चलने तक रहेगी। फिलहाल राज्य आरोग्य सोसाइटी के तहत आयुष्मान भारत योजना चल रही है। ऐसे में उन्हें हटाना अनुचित है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि संविदा कर्मियों को हटाकर संविदा पर दोबारा नियुक्ति नहीं की जा सकती है। इन्हें नियमित तो नहीं किया जा सकता, लेकिन हटाया भी नहीं जा सकता है। इसके बाद अदालत ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। इस संबंध में जहां आरा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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