Contempt Of Court: लॉ ऑफिसर को निलंबित करने का आदेश नहीं मानने पर हाईकोर्ट ने आवास बोर्ड के एमडी को जारी किया अवमानना नोटिस

Ranchi: Contempt Of Court झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस केपी देव की अदालत ने आदेश का अनुपालन नहीं करने पर राज्य आवास बोर्ड के एमडी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने आवास बोर्ड के एमडी से पूछा है कि आदेश का अनुपालन नहीं करने पर क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए।

अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई सात जनवरी को निर्धारित की है। हाई कोर्ट में राज्य आवास बोर्ड की जमीन आवंटन विवाद में बिंदेश्वरी झा, परमेश्वरी सिंह और नागेंद्र प्रसाद सिंह की ओर से अलग-अलग याचिका दाखिल की गई है। पिछली सुनवाई के दौरान परमेश्वरी सिंह के मामले में अदालत ने आवास बोर्ड के लॉ ऑफिसर को निलंबित करतेहुए विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया था।

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लेकिन एमडी की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा नगेंद्र प्रसाद सिंह के मामले में करीब 11 साल बाद भी बोर्ड की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। इन मामलों में सुनवाई के दौरान अदालत ने आवास बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।

इसके बाद अदालत ने बोर्ड के एमडी को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है जिसमें बताना है कि वर्ष 2000 से अब तक बोर्ड में लॉ ऑफिसर के पद पर कौन काम कर रहा है। इसकी जानकारी 4 जनवरी तक अदालत में दाखिल करनी है। बता दें कि इन मामलों में आवास बोर्ड की ओर से जमीन का आवंटन कर दिया गया।

लेकिन प्रार्थी उक्त जमीन पर कब्जे के लिए गया तो पता चला कि उस पर पहले ही कब्जा है। जब उन्होंने इसकी जानकारी आवास बोर्ड को दी तो बोर्ड ने प्रार्थी की जमीन का आवंटन रद कर दिया। इसके बाद नागेंद्र प्रसाद सिंह ने वर्ष 2009 में याचिका दाखिल की थी। जिसमें पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने बोर्ड को दूसरा भूखंड आवंटित करने के लिए कहा था। इसी तरह बिंदेश्वरी झा की ओर से वर्ष 2012 में याचिका दाखिल की है।

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