पर्यावरण बचाने पर सुप्रीम कोर्ट का जोर, कोयला खनन क्षेत्र में नहीं होगी पेड़ों की कटाई

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने कामर्शियल कोल ब्लॉक (Coal block allocation) नीलामी के मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि इसमें बोली लगाने वाली कंपनियों को भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के पर्यावरण संबंधी फैसले को मानना होगा। इसके तहत झारखंड सहित अन्य प्रदेशों में 37 कोल ब्लॉक की नीलामी हो रही है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया गया है कि आवंटित कोल ब्लॉक क्षेत्र में किसी पेड़ की कटाई नहीं होगी।

कोयला मंत्रालय ने इन कोल ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया दो नवंबर को शुरू की है, जो नौ नवंबर तक चलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की ओर से दाखिल मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि नीलामी में शामिल होने वाली सभी कंपनियों को बताया जाए कि कोर्ट का फैसला सभी पर मान्य होगा। कामर्शियल माइंनिंग के तहत झारखंड के पांच ब्लॉक की नीलामी हो रही है।

इसे भी पढ़ेंः CoronaVirus: मरीजों के लिए बेड आरक्षित करने के लिए दिल्ली सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

झारखंड सरकार ने कहा कि यहां पर स्थित कोल ब्लॉक पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एसए बोपन्ना व वी रामासुब्रमणियन ने साफ किया कि उनका मकसद सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि पेड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे। अदालत ने यह भी कहा है कि वह झारखंड सरकार की ओर से दाखिल मामले में यह देखेगी कि प्रस्तावित कोल ब्लॉक क्षेत्र की पर्यावरणीय जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने की जरूरत है या नहीं।

केंद्र सरकार को सभी कामर्शियल माइंनिंग में शामिल होने वाली कंपनियों को यह बताना होगा कि जो फायदे दिए जा रहे हैं, वे सब सशर्त हैं और भविष्य में ये कोर्ट के फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। इस बोली में वेदांता, अडानी, हिंडाल्को जैसे बड़ी कंपनियां हिस्सा ले रहे हैं। तीनों कंपनियां एक-एक ब्लॉक हासिल करने में सफल रही हैं। यह पहली बार है जब खुली निविदा के तहत बाजार मूल्य पर कोल ब्लॉक की नीलामी की जा रही है।

Rate this post
Share it:

Leave a Comment