CM Lease case: हाई कोर्ट ने पूछा- रांची डीसी को खनन विभाग के व्यक्तिगत जानकारी कैसे

CM Lease case: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पर लीज आवंटन मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने रांची उपायुक्त की ओर से दाखिल शपथ पत्र पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने पूछा है कि आखिर उन्हें खनन विभाग के बारे में जानकारी कैसे है। इस मामले में 19 मई को सुनवाई होगी।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से अदालत को बताया गया लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया है। ऐसे में अब जब तक आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। तब याचिका के उस पार्ट पर सुनवाई नहीं की जाए। अदालत ने कहा कि जब इस मामले में मुख्य सचिव सहित अन्य सचिवों को प्रतिवादी बनाया गया है, तो रांची उपायुक्त ने कैसे शपथ पत्र दाखिल कर दिया।

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इस पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि लघु खनिज आवंटन मामले में उपायुक्त ही प्राधिकार होते हैं। इसलिए उनकी ओर से हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया गया है। अदालत ने कहा कि उपायुक्त को खनन विभाग के बारे में सारी जानकारी कैसे हैं। उन्हें इसका जवाब कोर्ट में पेश करना चाहिए।

प्रार्थी व अधिवक्ता ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया

सुनवाई के दौरान प्रार्थी शिव शंकर शर्मा और उनके अधिवक्ता राजीव कुमार ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि याचिका दाखिल किए जाने के बाद रांची उपायुक्त उन्हें धमकी दे रहे हैं। इसलिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि प्रार्थी का आरोप गलत है उपायुक्त ने इन्हें कोई धमकी नहीं दी। इन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है। इस पर प्रार्थी ने कहा कि उन्हें एक पुलिस कर्मी सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक के लिए दिया गया है।
इस पर अदालत कहा कि ऐसा क्यों होता है। अदालत को बताया गया कि जिला सुरक्षा कमेटी सारी स्थितियों की जानकारी के बाद अंगरक्षक का आवंटन करती है।

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