Cheating: पटना हाईकोर्ट ने कहा- मुवक्किल से धोखा करने वाले अधिवक्ता के खिलाफ बार काउंसिल करे कार्रवाई

Patna: Cheating पटना हाईकोर्ट ने अपने मुवक्किल दंपत्ति को उनके इकलौते बेटे की मौत के बदले दी गई 10.52 लाख की मुआवजा राशि के कथित गबन के मामले में राज्य बार काउंसिल को वकील संतोष कुमार मिश्रा के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

आरोपी वकील को इस साल 5 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और वह अपने मुवक्किल को कथित तौर पर धोखा देने के आरोप में जेल में है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की पीठ ने भी 27 अक्टूबर को मिश्रा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने एक तरह से अपने मुवक्किलों को लूटा।

इससे पहले वकील की बक्सर कोर्ट के एडीजे -1 ने 23 जून को जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दरअसल, बक्सर के ललन पासी और उनकी पत्नी सांझरिया देवी ने चार साल पहले एक रेल दुर्घटना में अपने बेटे गोरख पासी को खो दिया था। दंपति अनुसूचित जाति के हैं।

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वकील संतोष कुमार मिश्रा ने मुआवजे के लिए रेलवे दावा न्यायाधिकरण, पटना में दंपती की ओर से आवेदन दिया। ट्रिब्यूनल ने 3 जनवरी, 2017 को मुआवजे की अनुमति दी। लेकिन उक्त पैसे दंंपती के संयुक्त बैंक खाते में स्थानांतरित होने के बाद मिश्रा ने उनकी स्थिति का फायदा उठाते हुए पैसे अपने और अपनी पत्नी गीता देवी के खाते में स्थानांतरित कर दिया।

सुनवाई के दौरान अदालत ने मिश्रा को राशि वापस करने के लिए 26 अक्टूबर को एक दिन का समय दिया। हालांकि, मिश्रा के वकील अजीत कुमार ने कहा कि आरोपी केवल 5 लाख रुपये ही लौटा सकता है। अदालत ने धन की हेराफेरी और एक मुवक्किल के विश्वास भंग को देखते हुए मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी।

वर्ष 2019 की शुरुआत में ही मिश्रा और उनकी पत्नी के खिलाफ डुमरांव पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पूरी जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

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