कहीं जमानत से पहले लालू प्रसाद को जाना न पडे़ होटवार जेल, जानिए पूरा मामला

रांचीः चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को अब बिरसा मुंडा जेल भी जाना पड़ सकता है। सीबीआई की ओर से फोन प्रकरण को जेल मैन्युअल उल्लंघन का बताते हुए कोर्ट से लालू प्रसाद को रिम्स से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेजे जाने का आग्रह किया है।

इसको लेकर सीबीआई की ओर से अदालत में एक पूरक शपत पत्र दाखिल किया गया है। इसमें कहा गया है कि लालू प्रसाद रिम्स में मिली सुविधा का फायदा उठा रहे हैं और उन्होंने नीतीश सरकार गिराने का प्रयास किया है। फोन प्रकरण मामले में बिहार में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

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शपथ पत्र में यह भी कहा गया है कि लालू प्रसाद को अब ईलाज की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी तबीयत ठीक और स्थिर है। ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है। उम्मीद है कि शुक्रवार को इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

लालू प्रसाद की जमानत पर शुक्रवार को सुनवाई

राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद की जमानत पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। इसकी सुनवाई जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में होनी है। लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में जमानत याचिका दाखिल की है

याचिका में सजा की आधी अवधि जेल में काटने और कई तरह की बीमारियों का हवाला देते हुए जमानत देने की मांग की गई है। उनके अधिवक्ता देवर्षि मंडल का दावा है कि लालू प्रसाद ने दुमका वाले मामले में 42 माह से ज्यादा समय जेल में बिताया है।

इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई है। ऐसे में लालू प्रसाद ने सजा की आधी अवधि जेल में बिता ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। अगर लालू प्रसाद को जमानत मिलती है, तो वे जेल से बाहर निकल जाएंगे।

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