लालू यादव की जमानत पर सीबीआई का नया पैंतरा, अब जमानत पर 16 अप्रैल को सुनवाई

Ranchi: चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को जमानत के अभी और इंतजार करना पड़ेगा। अब उनकी जमानत याचिका पर 16 अप्रैल को सुनवाई होगी। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से समय की मांग की गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अब इस मामले में सीबीआई को कुछ कहने की जरूरत नहीं है। हमने पिछली सुनवाई के दौरान ही ऐसी आशंका व्यक्त की थी, जो आज सच साबित हुई। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी बहस पूरी कर ली थी। उसके बाद समय लिया जाना सही नहीं है।

कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर सीबीआई को लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करना ही था तो उनके पास जवाब दाखिल करने के लिए बहुत समय था, लेकिन उन्होंने जवाब दाखिल नहीं किया। क्योंकि वे मामले को लटकाना चाहते हैं। लालू की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कपिल सिब्बल की पक्ष रखने में सहयोग किया।

कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि सीबीआइ इसलिए समय लेना चाहती है, क्योंकि वो इस मामले में हाई कोर्ट के 19 फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर स्टे आदेश प्राप्त कर ले। हाई कोर्ट इस मामले में सात साल के सजा की आधी अवधि मानकर जमानत पर सुनवाई कर रहा है। जबकि सीबीआइ कोर्ट ने दुमका वाले मामले में लालू प्रसाद को सात-सात साल की सजा सुनाई है और दोनों सजाएं अलग-अलग चलाए जाने का आदेश दिया है। ऐसे में कुल चौदह साल की सजा होती है।

इस पर सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि वे लालू प्रसाद की ओर से जमानत के लिए दाखिल की गई याचिका पर कुछ और कहना चाहते हैं। इसलिए कोर्ट उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय प्रदान करे। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को निर्धारित की है।

लालू यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद की आधी सजा पूरी होने में 1 माह 17 कम होने से 19 फरवरी को जमानत खारिज कर दी थी। अब छह अप्रैल को आधी अवधि पूरी हो रही है। इसलिए संभावना है कि नौ अप्रैल को लालू को जमानत मिल जाए।

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बता दें कि लालू प्रसाद को चारा घोटाले के चार मामलों में सजा मिल चुकी है। जबकि डोरंडा कोषागार का मामला अभी निचली अदालत में लंबित है। चार से में लालू को तीन मामलों में पहले ही जमानत मिली चुकी है। अगर दुमका वाले मामले में जमानत मिलती है, तो वे जेल से बाहर आ जाएंगे।

बता दें कि लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष कोर्ट से दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में सात-सात साल की सजा मिली है। हालांकि अदालत जमानत के लिए सात साल के आधी अवधि जेल में बीताने को ही आधार मान रही है।

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