विधायक ढुलू महतो को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जमानत रद की मांग खारिज

झारखंड के बाघमारा से भाजपा विधायक ढुलू महतो को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। यौन शोषण के एक मामले में झारखंड हाईकोर्ट से ढुलू महतो को मिली जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विनीत शरण व जस्टिस अजय रस्तोगी की अदालत ने इस मामले में कहा कि विधायक ढुलू महतो की जमानत रद करने का कोई उचित कारण नहीं है। ऐसे में प्रार्थी की याचिका को खारिज किया जाता है।

इसको लेकर पीड़िता के अधिवक्ता निर्मल अबंष्ठ पूरी जानकारी दी है। धनबाद कतरास की रहने वाली एक महिला नेत्री ने ढुलू महतो की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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पीड़िता ने अपनी याचिका में कहा था कि विधायक ढुलू महतो का बाघमारा क्षेत्र में दबदबा है। उनके खिलाफ 35 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में वे बरी हो गए हैं। कई मामलों में गवाही दर्ज नहीं हो पा रही है।

ऐसे में यौन शोषण मामले में निष्पक्ष ट्रायल होने की उम्मीद नहीं है। जमानत पर विधायक जेल से बाहर हैं और इस मामले में वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में एक साल लग गए थे। ऐसे में उनकी जमानत रद्द कर देनी चाहिए।

गौरतलब है कि कतरास की एक नेत्री ने विधायक ढुलू महतो पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर इनके खिलाफ घटना के एक साल बाद प्राथमिकी दर्ज हुई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था।

इसके बाद झारखंड हाईकोर्ट ने जुलाई 2020 में उन्हें जमानत प्रदान कर दी। इसी के खिलाफ पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी।

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