सहायक अभियंता नियुक्तिः हाईकोर्ट में सरकार ने कहा- आरक्षण का लाभ देना सरकार का अधिकार

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय व जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सहायक अभियंता नियुक्ति (Assistant Engineer Appointment) के विज्ञापन को रद करने के एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार और जेपीएससी की ओर से बहस पूरी कर ली गई।

अब प्रतिवादियों की ओर से बहस की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी। इस मामले की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने विशेष खंडपीठ का गठन किया गया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जब भी कोई नया नियम बनता है तो उसे नियुक्ति प्रक्रिया में उसी प्रकार लागू किया जाता है।

इसे भी पढ़ेंः खेल घोटालाः आरके आनंद की अग्रिम जमानत पर सुनवाई, एसीबी से मांगा जवाब

भले ही वह नियम लागू होने से पूर्व की रिक्तियां हो। इसके अलावा राज्य सरकार को इसका अधिकार है कि पुरानी रिक्तियों को नई नियुक्ति बनाकर उक्त नियम को लागू कर सकती है। इसी आधार पर राज्य सरकार ने सहायक अभियंता नियुक्ति के विज्ञापन में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को दस प्रतिशत का आरक्षण दिया था।

लेकिन एकल पीठ ने यह कहते हुए विज्ञापन को रद कर दिया था कि जब से नियम लागू होता है, उससे पहले की रिक्त पदों पर उसका लाभ नहीं दिया जा सकता है। इसलिए एकलपीठ का आदेश गलत है। जेपीएससी की ओर से संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने पक्ष रखते हुए कहा कि प्रार्थी ने आवेदन देने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।

ऐसे में एकल पीठ में उक्त याचिका सुनवाई योग्य ही नहीं थी। हालांकि इस मामले में प्रतिवादियों की ओर से बहस पूरी नहीं हो पाई। इसलिए 23 जुलाई को प्रतिवादियों की ओर से बहस पूरी की जाएगी। बता दें कि एकल पीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और जेपीएससी ने अपील दाखिल की है।

Rate this post
Share it:

Leave a Comment