सेवानिवृत्त जज के बंगले पर कब्जे के मामले में हाईकोर्ट ने आईजी के आदेश को किया रद

Prayagraj: Judge’s Bungalow इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने अवकाश प्राप्त जज के बंगले पर कब्जे के मामले में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रयागराज के आदेश को रद कर दिया है। आईजी ने अवैध कब्जा हटाने का आदेश एसएसपी प्रयागराज को दिया था। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मकान पर कब्जे का प्रकरण सिर्फ सिविल कोर्ट द्वारा ही तय किया जा सकता है। न्यायालय ने उक्त आदेश को अवैधानिक करार दिया है।

जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस सुधारानी चौहान की खंडपीठ ने नरेंद्र नाथ की याचिका पर उक्त आदेश दिया है। प्रार्थी के अधिवक्ता महेश शर्मा का कहना था कि प्रार्थी स्व. जस्टिस बनवारी लाल यादव का नजदीकी रिश्तेदार है और उनके मेंहदौरी कालोनी तेलियरगंज स्थित बंगले का वारिस है।

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प्रार्थी बंगले पर काबिज है। जस्टिस बनवारी लाल का 24 मार्च, 2002 को निधन हो गया था। इससे बंगले की मूल स्वामिनी उनकी पत्नी राधारानी हो गईं। उनका भी 17 मार्च, 2020 को निधन हो गया। विपक्षी राधारानी का भतीजा है और बंगले पर अपना दावा जता रहा है। उसने 21 नवंबर, 2015 को एक रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर दावा किया है, जो कि राधारानी द्वारा उसके पक्ष में दिया गया है।

प्रार्थी ने इस संबंध में सिविल कोर्ट में स्थायी निषेधाज्ञा का वाद दायर किया है, जिस पर अभी कोई आदेश नहीं हुआ है। इस बीच आईजी ने एक फरवरी, 2021 को क्षेत्राधिकारी से रिपोर्ट तलब करते हुए एसएसपी प्रयागराज को निर्देशित किया कि विवादित भवन से प्रार्थी का अवैध कब्जा हटाया जाए।

इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने कहा कि आईजी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है। उनको इस मामले को सिविल कोर्ट में तय करने की सलाह देनी चाहिए थी। न्यायालय ने आईजी के आदेश को रद करते हुए जिला पुलिस और प्रयागराज प्रशासन को विवादित भवन के मामले में हस्तक्षेप करने से रोक दिया है।

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