झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता करेंगे आंदोलन, दो सितंबर को बुलाई गई ऑनलाइन बैठक, जाने पूरा मामला

Ranchi: सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को ही हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव और नए हाईकोर्ट परिसर में वकीलों के लिए पर्याप्त चैंबर की व्यवस्था नहीं किए जाने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता आंदोलन करेंगे। इसके लिए हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने दो सितंबर को सभी सदस्यों की आम बैठक बुलायी है। यह वर्चुअल बैठक शाम छह बजे होगी।

एसोसिएशन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया है। इसमें कहा गया है कि सभी हाईकोर्ट में अब सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को ही जज नियुक्त किया जाना चाहिए। यह प्रस्ताव पास कर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट को भी भेज दिया है और झारखंड हाईकोर्ट के लिए तीन नामों की सिफारिश भी कर दी है।

झारखंड हाईकोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ऋतु कुमार, महासचिव नवीन कुमार और कोषाध्यक्ष धीरज कुमार ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और इसे अनुचित और अव्यवहारिक बताया है। तीनों ने एक संयुक्त पत्र जारी कर इसका विरोध करने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन ने सभी सदस्यों का आह्वान करते हुए कहा है कि सभी सदस्यों एक साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करने का निर्णय लिया है।

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एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार ने कहा है कि झारखंड सरकार फिर एक बार वकीलों के साथ छलावा कर रही है। हाईकोर्ट के नए भवन में वकीलों के लिए करीब 500 चैंबर के लिए स्थान रखा है, जो काफी कम है। एसोसिएशन ने कम से कम 2000 चैंबर की मांग की थी। इसके लिए हाईकोर्ट भवन कमेटी और सरकार को भी पत्र लिखा था। लेकिन एसोसिएशन की मांगों पर विचार नहीं किया गया।

महासचिव के अनुार नए हाईकोर्ट भवन के शेष कार्यों के लिए जो टेंडर जारी किया गया है उसमें भी लॉयर्स चैंबर के निर्माण का जिक्र नहीं किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि वकीलों की समस्याओं पर सरकार गंभीर नहीं है। लॉयर्स चैंबर के निर्माण के लिए एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गयी थी, लेकिन सरकार और हाईकोर्ट ने भरोसा दिया था कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।

इसके बाद इस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गयी थी। एसोसिएशन अब फिर एक बार याचिका पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट से आग्रह करेगा। महासचिव नवीन कुमार ने कहा कि यदि वकीलों के लिए नए परिसर में पर्याप्त चैंबर नहीं बनाए गए, तो इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। वकील काला बिल्ला लगाएंगे और उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह हाईकोर्ट के नए परिसर में नहीं जाएंगे। इन सारे बिंदुओं पर दो सितंबर को होने वाली बैठक में चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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