झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High court) में हजारीबाग (Hazaribag) की एक नाबालिग को एसिड (Acid Attack) पिलाए जाने के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत इस मामले में दो सदस्यीय पैनल गठित किया है। जिसमें हजारीबाग के डालसा सचिव और सिविल सर्जन होंगे।
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने पैनल से पूछा है कि एसिड पिलाए जाने के बाद पीड़िता की क्या स्थिति है। उसे मुआवजा मिला है या नहीं। अदालत ने पैनल से दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। पूछा है कि मामले में अनुसंधान की वर्तमान स्थिति क्या है। मामले की अगली सुनवाई पांच अप्रैल को होगी।
वर्ष 2019 में हजारीबाग में एक 13 साल की बच्ची जब वह स्कूल से लौट रही थी तो उसे जबरदस्ती एसिड पिला दिया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। बाद में एम्स पटना और रिम्स रांची में बच्ची का इलाज हुआ थ।. दो महीने तक बच्ची बोलने में असमर्थ थी।
Read Also: अवैध खननः HC ने आईजी के नेतृत्व में बनाई तीन सदस्यीय जांच कमेटी
हजारीबाग के इचाक थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में हाई कोर्ट की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी थी। जिस पर अदालत स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई कर रहा है।