7th JPSC Exam: जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इन्कार, याचिका खारिज

Ranchi: 7th JPSC Exam झारखंड हाईकोर्ट ने सातवीं से दसवीं तक जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में इसको लेकर दाखिल हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थी को अंतरिम राहत देने से इन्कार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अदालत इस क्षेत्र की विशेषज्ञ नहीं है। प्रश्नों का उत्तर एक्सपर्ट कमेटी के सत्यापन के बाद जारी किया है। ऐसे में अगर मुख्य परीक्षा पर रोक लगाई जाती है तो इस तरह के मामले में कई याचिकाएं दाखिल हो सकती हैं। हर याचिका में अलग-अलग बिंदुओं को उठाया जाएगा।

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इसलिए मुख्य परीक्षा पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। हालांकि इस मामले में पूर्व में राज्य सरकार और
जेपीएससी से जवाब तलब किया है। इसको लेकर शेखर सुमन ने याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजेश कुमार ने अदालत को बताया कि कि जेपीएससी की ओर से गलत मॉडल आंसर के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है।

इससे पूर्व सभी अभ्यर्थियों से इसको लेकर जेपीएससी ने आपत्ति मांगी गई थी। उनकी ओर से भी कई प्रश्नों का उत्तर गलत होने का दावा करते हुए संबंधित दस्तावेज जेपीएससी को भेजे गए थे। लेकिन जेपीएससी ने गलत आंसर के आधार पर ही परिणाम जारी कर दिया है। इस कारण मुख्य परीक्षा पर रोक लगा देनी चाहिए।

प्रार्थी की ओर कहा गया कि पेपर वन के छह और पेपर दो के दो मॉडल उत्तर को गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज भी जेपीएससी को दिया गया। लेकिन जेपीएससी की ओर से संशोधित परिणाम में उक्त उत्तर में सुधार नहीं किया गया। इसलिए परिणाम को निरस्त करने कर मुख्य परीक्षा पर रोक लगानी चाहिए।

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