कोरोना की स्थिति का हवाला देकर अवमानना नोटिस पर हाईकोर्ट में नहीं हाजिर हुए मुख्य सचिव सहित तीन अधिकारी

Ranchi: राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ जारी अवमानना नोटिस के मामले में सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान तीनों अधिकारियों की ओर से अदालत में हाजिर होने से छूट दिए जाने को लेकर आवेदन दाखिल किया गया। आवेदन में कहा गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी हो रही है। इस स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए योजना सहित अन्य कार्यों में व्यस्त होने की वजह से सभी को हाजिर होने से छूट दी जाए।

अदालत ने इनके आवेदन को स्वीकार करते हुए इन्हें छूट प्रदान कर दी है। इस मामले में अब 13 मई को सुनवाई होगी। इस दिन अदालत ने तीनों अधिकारियों को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान एनएमसी की ओर से बताया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट गलत देने वाले मामले को लेकर एक ऑनलाइन बैठक की गई। इसमें सभी तथ्यों को देखते हुए पाया गया कि पोस्टमार्टम करने वाले डा स्वपन कुमार सरक ने दायित्व निर्वहन में कोई गलती नहीं की है।

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अदालत ने उक्त रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। एनएमसी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजित कुमार व अपराजिता भारद्वाज ने कोर्ट में पक्ष रखा। एनएमसी की ओर से जांच कमेटी के सदस्य और डा स्वपन कुमार सरक भी अदालत में ऑनलाइन हाजिर हुए थे।धनबाद के बरवड्डा थाना क्षेत्र के रहने वाले बशीर अंसारी पर अपनी बहू को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।

इस मामले में उन्होंने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि उनकी बहू शादी से पहले ही गर्भवती थी। इसकी जानकारी मिलने पर उसे मायके भेज दिया गया। इस बीच उसने आत्महत्या कर ली। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके गर्भवती होने की बात सामने नहीं थी। इस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को हाजिर होने का निर्देश दिया था।

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