Teachers Transfers: 225 शिक्षकों का तबादला सही, तत्कालीन शिक्षा मंत्री का आदेश निरस्त

रांची। झारखंड हाईकोर्ट में राज्य के प्लस टू के शिक्षकों के तबादले पर लगी रोक के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सुनवाई के बाद तबादले पर लगी रोक को खारिज कर दिया और तबादले को सही ठहराया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शिक्षकों के तबादले का अधिकार स्थापना समिति को है। इसलिए तत्कालीनी शिक्षा मंत्री द्वारा तबादले पर लगाई रोक को खारिज किया जाता है। अदालत ने उक्त याचिका को निष्पादित कर दिया।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने अदालत को बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में स्थापना समिति ने राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को देखते हुए शिक्षकों के तबादले पर निर्णय लिया। इसके बाद स्थापना समिति ने जुलाई 2019 को प्लस टू के 225 शिक्षकों का तबादला कर दिया। इस तबादले पर रघुवर सरकार की तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने रोक लगा दी। जबकि नियमावली में तबादले का अधिकार सिर्फ स्थापना समिति को ही है।

इस दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि उस समय की परिस्थिति को देखते हुए तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने तबादले पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने शिक्षकों के तबादले पर लगी रोक के आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने स्थापना समिति द्वारा तबादला आदेश को बहाल करते हुए उसे सही माना। इसको लेकर दिलीप कुमार पोद्दार सहित 17 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर तबादले पर लगी रोक को चुनौती दी थी।

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